गुरुवार, 9 अप्रैल 2009

प्यार तो भी फसाना होता है

लव खामोश , दिल में अफसाना होता है

रुखसत चैन आँखों की नींद

वो भी याद रुलाना होता है

प्यार तो भी फ़साना होता है

लव खामोश दिल में अफसाना होता है

इतना भी न कह पाना की

ये प्यार और दिल हर पे न आना होता है

लेकिन ये भी तो गुजरा ज़माना होता है

प्यार तो फ़साना होता है

लव खामोश दिल में अफसाना होता है

इस दिल की अवाज कभी- कभी

दीये में जलते लौ की तरह परवाना होता है

पता नहीं था की ऐसा भी खुदगर्ज़ जमाना होता है

प्यार तो भी फ़साना होता है

लव खामोश दिल में अफसाना होता है

त्थर की बूट की तरह मायूस ये akash

अपने पर मर जाना होता है

कौन जाने खुदा की पयाम भी

खुशी में भी रुलाना होता है

प्यार तो भी फसाना होता है

बुधवार, 8 अप्रैल 2009

जरा सोचिये


सबसे प्यारा हिंदुस्तान , इस बात में कोई शक नहीं है लेकिन कुछ कही और अनकही बातें भी अपने देश के लिए महत्वपूर्ण है , जिसका जिक्र करना एक स्वस्थ्य समाज के लिए इतना ही जरूरी है , जितना जीने के लिए ओक्सिजन । खासकर देश की राजनीति में ऐसे लोग भी आ रहे हैं , जिनके लिए लोकतंत्र के मन्दिर यानि संसद में कोई स्थान नहीं होनी चाहिए लेकिन हमारा देश धर्म, जाति, लिंग विभेद और व्यक्तिगत स्वार्थ से जब ऊपर सोचेगा , तभी ये सम्भव है। राजनीतिके खेल में ऐसे अवांछित लोग माहिर होने के कारण देश और समाज को अन्दर ही अन्दर खोखला करते जा रहे हैं और हम उनका कुछ भी नहीं कर पाते हैं , आखिर इस व्यस्था के लिए जिम्मेदार कौन ? इस बारे में हर एक हिन्दुस्तानी को सोचना होगा ।